दुष्‍कर्म की झूठी शिकायत : असम की अदालत ने महिला को भेजा जेल

1 min read

असम की एक अदालत ने दुष्‍कर्म की झूठी शिकायत दर्ज कराने के आरोप में एक महिला को जेल भेज दिया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। यह घटना हैलाकांडी जिले में हुई। एक अधिकारी के अनुसार, दिला बेगम लस्कर ने दो साल पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बासित उद्दीन नामक व्यक्ति पर बलात्कार करने और पैसे ऐंठने का आरोप लगाया था। पुलिस ने शख्स के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366, 376, 380 और 109 के तहत शिकायत दर्ज की। हालांकि, शनिवार को अदालत में सुनवाई के दौरान हैलाकांडी के अतिरिक्त लोक अभियोजक एस. शर्मा ने लिखित बयान दिया कि शिकायतकर्ता ने एक से अधिक बार अपना बयान बदला है। शर्मा ने कहा, “महिला ने 6 जुलाई, 2021 को अदालत में जो बयान दिया था, उसके बिल्कुल विपरीत बयान दे रही है। इससे साबित होता है कि या तो पहले या अब, दिला बेगम लस्कर ने झूठी गवाही दी है।” चूंकि मजिस्ट्रेट के निर्देश पर शिकायतकर्ता का बयान वीडियो-रिकॉर्ड किया गया था, अदालत ने पाया कि अपने नवीनतम बयान में लस्कर ने दावा किया कि उद्दीन ने उसके साथ बलात्कार नहीं किया था। कोर्ट ने कहा, “जैसे ही किसी पर किसी आपराधिक कृत्य का आरोप लगता है, समाज उस व्यक्ति की निंदा करता है। अगर आरोप बलात्कार जैसे बदतर कृत्य का है, तो समाज मांग करता है कि उस व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, लेकिन फिर भी अगर वह व्यक्ति अदालती मामले के बाद बरी कर दिया जाता है, मामले के दौरान हुई क्षति की भरपाई कभी नहीं की जाती है।” आगे कहा गया है : “न्यायपालिका की स्थापना कानून के अनुसार दोषियों को दंडित करने के लिए की गई है। न्यायाधीश किसी अपराध का फैसला अकेले नहीं करते हैं। फैसला उनके सामने पेश किए गए सबूतों पर आधारित होता है। लेकिन इस महिला ने बार-बार झूठी शिकायतें दर्ज कराई हैं। उसने पुलिस और न्यायपालिका को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की। कानून का दुरुपयोग करना भी एक अपराध है।” जज के मुताबिक, इस कृत्य के लिए बड़ी सजा की जरूरत है, ताकि समाज में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। कोर्ट ने महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 193 और 195 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया और साथ ही निर्देश दिया कि दिला बेगम लस्कर को पुलिस हिरासत में रखा जाए।

You May Also Like

More From Author