ED की अर्जी पर सुनवाई से पहले अरविंद केजरीवाल को मिली खुशखबरी, अब नहीं लगाना होगा कोर्ट का चक्कर

ED की अर्जी पर सुनवाई से पहले अरविंद केजरीवाल को मिली खुशखबरी, अब नहीं लगाना होगा कोर्ट का चक्कर

दिल्ली शराब घोटाला केस को लेकर जांच की जद में आए अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. अब उन्हें कोर्ट में पेश नहीं होना होगा. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के यूट्यूब वीडियो को दोबारा ट्वीट किया था, जिसे लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला चल रहा है. इसी मामले में सीएम केजरीवाल को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेशी से छूट मांगी थी, जिस पर कोर्ट ने पेशी से छूट की राहत दे दी. अब राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 फरवरी को होगी.

दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने बजट का हवाला देते कोर्ट से पेशी से छूट मांगी थी. अरविंद केजरीवाल के वकील ने कहा था कि दिल्ली का बजट सेशन शुरू होने वाला है, जिसकी वजह से सीएम केजरीवाल व्यस्त हैं. इसलिए उन्हें पेशी से छूट दी जाए. दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 फरवरी को निचली अदालत द्वारा जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि मानहानिकारक सामग्री को रीट्वीट करना मानहानि के समान है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सीएम केजरीवाल के काफी फॉलोअर्स हैं और वह वीडियो को दोबारा ट्वीट करने के परिणामों को समझते हैं.

इससे पहले मंगलवार को बंबई हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के एक कथित मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को जारी किये गये समन को रद्द कर दिया था. पार्टी की गोवा इकाई के प्रमुख अमित पालेकर ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर एक शिकायत पर उन्हें जारी समन को रद्द कर दिया.

क्‍या था वीड‍ियो में
यह मामला विकास सांकृत्यायन उर्फ विकास पांडे द्वारा दायर किया गया था, जो खुद को बीजेपी का समर्थक होने का दावा करते हैं और सोशल मीडिया पेज ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ के संस्थापक हैं. अपने वीडियो में ध्रुव राठी ने कहा था कि विकास पांडे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आईटी सेल के दूसरे नंबर के नेता हैं और पांडे ने एक बिचौलिए के माध्यम से महावीर प्रसाद नामक व्यक्ति को अपने आरोपों को वापस लेने के लिए ₹50 लाख की पेशकश की थी कि सत्तारूढ़ पार्टी की आईटी सेल झूठ और फर्जी खबरें फैलाता है. प्रसाद ने राठी के साथ एक इंटरव्‍यू में ये आरोप लगाए थे. यह इंटरव्यू राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर 10 मार्च, 2018 को ‘बीजेपी आईटी सेल इनसाइडर इंटरव्यू’ शीर्षक के तहत अपलोड किया था.

GTM Desk

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